bhabhi:भाभी की प्यास नहीं बुझा पाया पति भाभी ने खाया पानवाले का पान बुझाई प्यास

bhabhi:आज हम बात करने जा रहे है एक ऐसे रिश्ते की जहा मर्यादा का होना बेहद जरुरी माना जाता है लेकिन कुछ लोग इस मर्यादा का उलंघन कर देते है जिसके बाद केवल विनाश ही होता है। देवर भाभी का रिश्ता बहुत ही पवित्र रिश्ता होता है इसमें मर्यादा होती है।
गांव में दो पति पत्नी रहते है जिनका काम कपड़ो का है पति दिन में साइकिल पर कपडे बेचते है यही पत्नी घर पर लड़कियों को सिलाई सिखाती है दोनों अकेले ही रहते है ,एक रात को पति पत्नी सम्भोग कर रहे होते पति थोड़ी देर में ठंडा हो जाता है और सो जाता है लेकिन पत्नी अभी संतुष्ट नहीं हुई वो सोचते है की मैंने कैसे आदमी से शादी कर ली जो मेरी प्यास भी यही बुझा सकता।

अगले दिन भाभी पास की पान दूकान में पान लेने जाती है जहा पान वाला उसपर लाइन मारता है वह पान वाले की डबल माइनिंग बातो को और उसकी नज़रो को समझ जाती है दूसरे दिन जब पति साइकिल पे कपडे बेचने के लिए घर से निकल जाता है तो भाभी उस पान वाले को घर में बुलाती है उसे बैठने को कहती है और चाय बनाने किचन में चली जाती है किचन से आवाज लगाकर उसे ऊपर रखे चाय पट्टी के डब्बे को निकाल ने के लिए बुलाती है।
पान वाला जब डब्बा निकाल रहा होता है तो भाभी उसके पेंट की चैन खोल देती है इससे पान वाला समझ जाता है की भाभी क्या चाहती है और दोनों किचन में सेक्स करने लगते है इस बार भाभी कितने राउंड और कितने शॉट लग रहे है ये गिनती है और अपनी प्यास बुझाती है खुदको पूरी तरह संतुष्ट करके ही मानती है कूल २०० शॉट पान वाले से लगवाती है पान वाला भी रुकता नहीं है भाभी को पूरा गिला करके ही संतुष्ट होता है।