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शादी के 17 दिन बाद दूल्हे ने मार दिया दुल्हन को और बोला ‘पत्नी को कैसे पालता, इसलिए मार दिया।

इंदौर में 7 जून को पत्नी की खुखरी से हत्या करने वाले आरोपी पति पुलिस की गिरफ्त में है। आरोपी विक्रम सगोतिया ने पुलिस को बताया कि वह शादी नहीं करना चाहता था। घरवालों के दबाव में उसने यह शादी की। 5 जून को उसे नौकरी से भी निकाल दिया गया था। उसे डर था कि अब वह पत्नी को कैसे पालेगा। इस वजह से उसने हत्या कर दी।

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महू के रहने वाले विक्रम सगोतिया और देपालपुर की अंजली की 21 मई को शादी हुई थी। शादी के महज 17 दिन बाद विक्रम ने अंजली को मौत के घाट उतार दिया। हमले में आरोपी विक्रम के हाथ और पेट में चोट लगी थी। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुलिस का कहना है कि आरोपी बार-बार बयान बदल रहा है।

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अंजली यादव की हत्या के विरोध और उसको न्याय दिलाने के लिए देपालपुर में शाम 7 बजे लोगों ने कैंडल मार्च निकाला।

डीएसपी दिलीप चौधरी ने बताया कि नवविवाहिता के परिजनों ने पति और परिवार के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया है। जिसमें नवविवाहिता के पति विक्रम सतोगिया, ससुर महेश, सास दुर्गा, जेठ कृष्णा पर हत्या का प्रकरण दर्ज किया है। दीपा, जगदीश, रानी निवासी धारनाका और रजनी निवासी इंदौर पर प्रताड़ित करने का प्रकरण दर्ज किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को किशनगंज चौपाटी से महेश उर्फ काका और उसके भाई कृष्ण को गिरफ्तार कर लिया है। महेश पर 10 से ज्यादा केस दर्ज हैं। इसमें कई मामले अवैध हथियार रखने के भी हैं। जो न्यायालय में विचाराधीन हैं।

6 जून की रात में अंजली ने अपने परिजनों को फोन कर कहा था- आप मुझे लेने आ जाओ। ससुरालवाले मुझे परेशान कर रहे हैं। रात ज्यादा हो चुकी थी। इसलिए उन्होंने सुबह आने के लिए कहा। अंजली का भाई रुपेश देपालपुर से 7 जून की सुबह महू के लिए निकला। रुपेश जैसे ही धार नाका में स्थित मकान पर पहुंचा तो चिल्लाने की आवाज आने लगी। रुपेश ने ऊपर जाकर देखा तो विक्रम हाथ झटक कर घर से बाहर भाग गया। कमरे के अंदर अंजली घायल अवस्था में पड़ी थी। उसके पूरे शरीर से खून बह रहा था। फर्श पर खून फैला पड़ा था। इसके बाद तत्काल परिजनों को फोन कर मामले की जानकारी दी। रुपेश अंजली को अस्पताल ले गया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

आरोपी ने घर के मंदिर में रखी खुखरी से अंजली पर वार किए थे। अंजली की गर्दन पर सबसे ज्यादा वार किए। इसके अलावा, हाथ, पेट और पीठ पर भी हमला किया। इस दौरान अंजली अपनी जान बचाने के लिए पूरे घर में दौड़ लगती रही। वारदात के बाद पूरे घर, गैलरी और बिस्तर पर खून फैला मिला। सिविल अस्पताल के डॉक्टर के अनुसार आरोपी ने पत्नी पर 10 से अधिक वार किए।

अंजली के चाचा ओम प्रकाश यादव ने बताया कि लगन के एक दिन पहले 16 मई को विक्रम के पिता हमारे घर आए। वे कहने लगे कि हम यह शादी नहीं कर सकते। पैसे नहीं हैं। फिर कहने लगे कि दहेज के रूप में हमें 2 लाख रुपए दोगे तो ही शादी होगी। हमने रुपयों की व्यवस्था करने के लिए एक दिन का समय मांगा। अगले दिन फिर लड़के वालों का परिवार देपालपुर आया। हमने उन्हें 2 लाख रुपए दिए। 21 मई को शादी हुई। इसके अगले दिन से अंजली के ससुरालवाले उसे गाड़ी और अन्य सामान के लिए टॉर्चर करने लगे।

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