क्वाड कब, कैसे और किसलिए बना? और क्वाड ग्रुप का मकसद क्या है?

क्वाड क्या है? (What is Quad in Hindi)
ऐसा क्या है कि चीन लगातार छोटे देशों को क्वाड ग्रुप में शामिल होने पर धमकी दे रहा है, चलिए जानते हैं कि क्वाड ग्रुप क्या है?
क्वाड ग्रुप कब बना? और क्वाड ग्रुप का मकसद क्या है?
क्वाड ग्रुप को चतुर्भुज गठबंधन अथवा चतुर्थपक्षीय सुरक्षा संवाद के नाम से भी जाना जाता। यह एक अनौपचारिक रणनीति संवाद है, जोकि 4 देशोंं भारत अमेरिका जापान तथा ऑस्ट्रेलिया के बीच होती है। इसकी शुरुआत 2007 में शिंजो आबे जो कि जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री थे ने की थी । इसका उद्देश्य हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ भाग जिन्हें इंडो पेसिफिक रीजन केे नाम से जाना जाता है की सुरक्षा करना तथा क्वाड ग्रुप के देशों के बीच सैन्य अभ्यास करना इत्यादि है।
क्वाड ग्रुप
क्वाड ग्रुप का इतिहास
चीन एशिया का एक शक्तिशाली देश है जो कि वैश्विक स्तर पर शक्तिशाली देश के रूप में उभर कर आ रहा है चीन की रणनीति हमेशा से ही कब्जे वाली रही है चाहे वह जमीन पर हो या समुद्र में। उदाहरण के लिए चीन ने भारत के अक्साई चिन पर कब्जा कर लिया, तिब्बत पर कब्जा कर लिया, चीन अरुणाचल को भी अपना हिस्सा मानता है और चीन दक्षिणी चीनी सागर (साउथ चाइना सी) पर अपना अधिकार स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। 2007 में क्वाड ग्रुप (चतुर्भुज गठबंधन) के बनने पर चार देश भारत अमेरिका जापान तथा ऑस्ट्रेलिया ने हिस्सा लिया। परंतु चीन और ऑस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय संबंध बहुत अच्छे थे, जिस कारण चीन के दबाव में आकर ऑस्ट्रेलिया ने इस ग्रुप का हिस्सा बनने का इरादा छोड़ दिया। जिस कारण इसमें 3 स्थायी सदस्य रह गए। भारत, अमेरिका तथा जापान। और यह ग्रुप इतिहास के पन्नों में दब सा गया।
क्वाड ग्रुप की पुनर्स्थापना-

लगभग एक दशक तक इस ग्रुप में कोई भी हलचल नहीं हुई परन्तु मनीला में 2017 के आसियान शिखर सम्मेलन के पश्चात, शिंजो आबे, नरेंद्र मोदी, मैल्कम टर्नबुल और डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में सभी चार पूर्व सदस्य दक्षिण चीन सागर में चीन का सैन्य और कूटनीतिक रूप से मुकाबला करने के लिए क्वाड ग्रुप (चतुर्भुज गठबंधन) को पुनर्जीवित करने पर सहमत हुए। और इस प्रकार क्वाड ग्रुप पुनः अस्तित्व में आया 2017 के बाद इस ग्रुप की बहुत सी मीटिंग हुई तथा क्वाड में बहुत से सुधार हुए।
क्वाड ग्रुप की पुनर्स्थापना
क्वाड ग्रुप का संयुक्त कार्य
क्वाड ग्रुप के सभी सदस्यों द्वारा मालाबार अभ्यास 2020 किया गया जिसमें चारो देशों की नौसेना ने भाग लिया। यह एक ऐसा युद्धाभ्यास था जिसमे चारो सेनाओं द्वारा आपस में समन्वय स्थापित किया गया तथा सभी प्रकार के नौसेना उपकरणों का इस्तेमाल भी किया गया। इसका असर आप इस बात से जान सकते हैं कि इस अभ्यास से चीन घबरा गया तथा चीन ने इसके खिलाफ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बयान देना शुरू कर दिया तथा इसे एशिया के नाटो की उपाधि दे डाली अर्थात चीन के अनुसार यह दक्षिणी एशिया का नाटो है।
क्वाड ग्रुप में आने के बाद ऑस्ट्रेलिया तथा चीन के सम्बन्ध –
चीन द्वारा दक्षिणी चीनी सागर में अपना अधिकार साबित करने के कारण यह आस पास के देशों के लिए खतरा बन रहा था। इस संकट को कम करने के लिए ऑस्ट्रलिया पुनः क्वाड ग्रुप का हिस्सा बना जिसके कारण चीन और ऑस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय संबंध में कटास देखने को मिली। इन देशों के संबंध तब ज्यादा बिगड़ने लगे जब ऑस्ट्रेलिया ने क्वाड ग्रुप के साथ मिलकर चीन से निकलीं महामारी कोरोना की जांच की मांग की तथा उसी दौरान ऑस्ट्रेलिया पर साइबर अटैक भी हुआ, ऑस्ट्रेलिया के अनुसार यह अटैक चीन द्वारा करवाया गया था। चीन ने खुलेआम ऑस्ट्रेलिया को धमकी तक दे दी थी तथा वहां से आयात होने वाले सामानों पर कर बड़ा दिया था तथा कुछ पर प्रतिबन्ध लगाने की बात भी कही थी।
क्वाड ग्रुप चीन के लिए संकट
चूंकि क्वाड ग्रुप का मुख्य उद्देश्य चीन को रोकना है और इस ग्रुप में अन्य देशों को भी शामिल करने या होने की आशंका है जिस कारण यह चीन के लिए एक अशांति का विषय बना हुआ है तथा वह भारत को यह भी धमकी दे रहा है कि भारत के क्वाड ग्रुप में शामिल होने के कारण भारत को ब्रिक्स में से निकाला जा सकता है या ब्रिक्स टूट सकती है